उत्तराखंड

पेपर लीक मामले में पूछताछ के लिए मुख्य आरोपी खालिद के घर पहुंची एसआईटी

हरिद्वार। यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग) पेपर लीक मामले में गठित की गई एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने अपनी जांच शुरू कर दी है। शनिवार सुबह को एसआईटी की टीम पेपर लीक केस के मुख्य आरोपी मोहम्मद खालिद मलिक के घर सुल्तानपुर पहुंची।
इस दौरान एसआईटी के साथ स्थानीय पुलिस भी थी। एसआईटी ने करीब एक घंटे तक खालिद के पिता और बहनों से पूछताछ की। हालांकि एसआईटी ने कोई आधिकारिक बयान तो नहीं दिया, लेकिन घर के अंदर और बाहर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। करीब एक घंटे की पूछताछ के बाद एसआईटी वापस हरिद्वार के लिए रवाना हो गई। फिलहाल खालिद के घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात है।
बताया जा रहा है कि हरिद्वार के रोशनाबाद मुख्यालय में एसआईटी का संवाद कार्यक्रम है। संवाद कार्यक्रम के बाद एसआईटी फिर से पूछताछ करने गांव आएगी। दो पहले ही प्रशासन ने खालिद के चाचा के खिलाफ अतिक्रमण की कार्रवाई करते हुए उनकी निर्माणाधीन दुकान तोड़ी थी। वहीं पिता पर भी बिजली चोरी का आरोप लगा था। इसीलिए पुलिस ने खालिद के पिता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था।
21 सितंबर को यूकेएसएसएससी का एग्जाम था, जिसका एक सेंटर आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादुरपुर जट में था। वहीं पर खालिद भी एग्जाम दे रहा था। आरोप है कि खालिद ने वहीं से प्रश्न पत्र के तीन पेपर की फोटो ली और उन्हें अपनी बहन साबिया को भेजा था। साबिया ने वो फोटो आगे प्रोफेसर सुमन चौहान को भेजे थे और प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए। इसी के बाद ये मामला खुल गया था।
फिलहाल मुख्य आरोपा खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया देहरादून जेल में बंद है। इस मामले की गंभीरता और युवाओं के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी टीम का गठन किया था। फिलहाल एसआईटी पूरा मामले की जांच में जुटी हुई है। एसआईटी को एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। जब तक मामले की जांच पूरी नहीं होगी, यूकेएसएसएससी रिजल्ट घोषित नहीं करेगा।
इस मामले में पुलिस ने अभी तक मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया है। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग ने प्रश्न पत्र को हल करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित किया है। इसके अलावा सरकार ने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केएन तिवारी को निलंबित किया है।
परियोजना निदेशक केएन तिवारी को परीक्षा में सुचिता बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन जिस तरह से प्रश्न पत्र के तीन पेज केंद्र से बाहर भेजे गए उससे साफ है कि परीक्षा केंद्र में लापरवाही की गई है। वहीं अब हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने दारोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया है। निलंबित पुलिसकर्मी सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त पर परीक्षा केंद्र में ड्यूटी के दौरान सतर्कता न बरतने का आरोप है।

यूकेएसएसएससी परीक्षा में नकल के आरोपों की जांच तेज
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अंतर्गत आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2025 में कथित नकल संबंधी आरोपों पर शासन , प्रशासन सख्ती से कार्यवाही कर रहा है, एवं नकल संबंधी आरोपों की गंभीरता से जांच हो रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गत 24 सितम्बर को मुख्यमंत्री के निर्देशों पर विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) ने अपनी जांच आगे बढ़ा दी है। जिसके संबंध में एसआईटी ने विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के लिए 27 सितंबर को हरिद्वार जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में दोपहर 12ः00 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक एवं 29 सितंबर को टिहरी गढ़वाल जिले के कलेक्टर सभागार में दोपहर 12ः00 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक विशेष जन संवाद बैठक का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।
इन संवाद बैठकों में इच्छुक प्रतियोगी अभ्यर्थी एवं उनके अभिभावक प्रतिभाग कर स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा, 2025 से संबंधित अपनी शंकाओ एवं प्रश्नों सहित, यदि उनके पास कोई सूचना हो, तो उसे एसआईटी के समक्ष साझा कर सकते हैं। इसके अतिरित्तफ जन संवाद बैठकों में परीक्षा में प्रतिभाग करने वाले अनेक अभ्यर्थी एवं उनके अभिभावक, कोचिंग संस्थान व जनसरोकार से सम्बन्धित कोई भी व्यत्तिफ उपरोत्तफ प्रकरण से संबंधित प्रश्नों, शंकाओं एवं सूचनाओं के संबंध में स्पष्टता चाहने के साथ ही एसआईटी से प्रत्यक्ष रूप से संवाद भी कर सकता है।

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