उत्तराखंड

प्रसव के बाद रेफर नवजात की मौत

अल्मोड़ा। सामान्य प्रसव के बाद हालत खराब होने पर हल्द्वानी रेफर किए नवजात की रास्ते में मौत हो गई। मेडिकल कालेज बनने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने से लोगों में खासा रोष व्याप्त है। उन्होंने इस घटना को संस्थागत हत्या बताया।
पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार चरमरा रही हैं। आम नागरिक तो दूर स्वास्थ्य कर्मियों को भी इसका दंश झेलना पड़ रहा है। लचर स्वास्थ्य सुविधाओं ने एक और नवजात की जान ले ली। महिला अस्पताल की एक नर्स सात माह की गर्भवती थी। बीते बुधवार की देर शाम उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। देर रात करीब 9 बजकर 12 मिनट में महिला ने सामान्य प्रसव के दौरान पुत्र को जन्म दिया। प्री-मैच्योर प्रसव में नवजात की हालत नाजुक थी। उसे रात में ही एनआइसीयू की जरूरत पड़ी। जिसके चलते नवजात को हायर सेंटर सुशीला तिवारी रेफर कर दिया गया। लेकिन अस्पताल के करीब पहुंचने पर नवजात ने दम तोड़ दिया।
रात साढ़े 11 बजे नवजात को मृत घोषित कर दिया गया। नवजात की मौत से स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा। बताया गया कि बच्चा नाजुक था, उसे एनआइसीयू की जरूरत थी। करोड़ों की लागत से मुख्यालय में बने एनआइसीयू और पीआइसीयू अब तक संचालित नहीं हो सके हैं। जिससे नवजातों और बच्चों की जान पर बन आती है। मेडिकल कालेज में 12 नवंबर 2021 को एनआइसीयू और पीआइसीयू वार्डों का विधिवत शुभारंभ किया गया था। लेकिन छह माह से अधिक समय बीतने के बाद अब भी इसका संचालन शुरू नहीं हो सका है। जिले में कहीं भी एनआइसीयू की सुविधा नहीं है। जिससे गंभीर हालत में शिशुओं को हल्द्वानी रेफर करना पड़ता है। कई बार समय पर हल्द्वानी नहीं पहुंचने से शिशुओं की जान पर बन आती है।

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