उत्तराखंड

सहकारिता और स्वरोजगार से ही बदल सकता है उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों का भविष्यः जगदीश भट्ट

-पशुपालन एवं मिल्क उद्योग के माध्यम से पहाड़ की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता

देहरादून। उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति के महासचिव जगदीश भट्ट ने समिति में जुड़े नए सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा ’आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण तभी संभव है जब उत्तराखंड के लोगों को उत्तराखंड में रहकर अपना रोजगार प्राप्त कर सके, अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके, अच्छी स्वास्थ्य सुविधा लोगों के लिए उपलब्ध हो सके, लघु एवं कुटीर उद्योगों के लिए उचित व्यवस्था मिल सके जिससे रोजगार एवं स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने कहा हमारे उत्तराखंड के पास अपनी अपार जलसंपदा, भू संपदा एवं वन संपदा के साथ-साथ बर्फीले पहाड़, चार धाम, अन्य धार्मिक एवं तीर्थ स्थल है। हमें अपने संपदा को संरक्षित रखते हुए भविष्य का निर्माण करना है। यह हमारे उत्तराखंड के लोगों के लिए गर्व की बात है कि जिन चीजों को देखने के लिए दुनिया भर के लोग विश्व भ्रमण पर निकलते हैं वह हमारे पास है। पर्यटन के क्षेत्र में हमें अभी बहुत कुछ करना बाकी है चाहे वह धार्मिक हो, आध्यात्मिक हो, एडवेंचर टूरिज्म हो या वेडिंग डेस्टिनेशन, हमें अभी बहुत कुछ इन क्षेत्रों में करना है। आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने में पर्यटन के अलावा हमारे प्रदेश में अनेकों ऐसे संसाधन है जिससे हम रोजगार का सृजन कर सकते हैं और प्रदेश के लोगों को एक अच्छा जीवन स्तर दे सकते हैं। मिल्क उद्योग के लिए पशुपालन को और अधिक बढ़ावा दिया जा सकता हैं एवं इस उद्योग के लिए उत्तराखंड को एक केन्द्र बनाया जा सकता है। जहां पर पहाड़ की देसी नस्ल की गाय, भैंस एवं बकरी प्राकृतिक चारा इस्तेमाल करके ऑर्गेनिक दूध का उत्पादन कर सकते हैं। इस उत्पाद को बाजार में अच्छी कीमतों पर बेच सकते हैं एवं अन्य राज्यों मे भी सप्लाई कर सकते है। यह मिल्क उद्योग हमारे पहाड़ के महिलाओं के लिए बहुत ही बेहतर स्वरोजगार के साधन साबित हो सकता है।

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