उत्तराखंड

जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखंड ने की पत्रकार गजेन्द्र रावत पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग

देहरादून। जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखन्ड के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर प्रवीण मेहता व प्रदेश महामन्त्री गिरीश पन्त ने पत्रकार गजेन्द्र रावत के विरुद्ध दर्ज मुकदमे की निन्दा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है।
उन्होंने कहा भाजपा सरकार में पत्रकारों को लिखने व बोलने की आजादी नहीं रह गयी है। संविधान में अभिव्यक्ति का जो अधिकार दिया है उस पर भाजपा सरकार द्वारा पहरा लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा पत्रकार गजेन्द्र रावत पर सरकार के इशारे पर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह अभिव्यक्ति की आजादी का खुला उल्घंन हैं। उन्होंने कहा इस तरह के कुत्सित, प्रयासों से निष्पक्ष पत्रकार डरने वाले नही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम अनुच्छेद उन्नीस का सीधा उल्लंघन है। अनुच्छेद उन्नीस आमजन को भी अभिव्यक्ति की आजादी व प्रेस व मीडिया को निर्भिक रूप से अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतन्त्रता देता है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था की आधार शिला है।  मीडिया की तार्किक व आलोचनात्मक शक्ति किसी भी प्रजातान्तिक सरकार के समुचित संचालन के लिये बहुत आवश्यक है। वहीं यदि पत्रकार स्वतन्त्र रूप से अपनी बात नहीं रख पायेंगे तो कोई भी जानकारी जनता तक कैसे पहुंचेगी। उन्होंने कहा  गजेन्द्र रावत निर्भिक पत्रकार हैं व जनसरोकारों से जुड़ी पत्रकारिता करते हैं। सरकार से सवाल पूछने वाले पत्रकारों का यूं गला घोटने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी से हस्तक्षेप कर पत्रकार गजेन्द्र रावत के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की है।

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