उत्तराखंड

त्योहारी सीजन में मिलावटखोरी पर नकेल कसने के दिए निर्देश

देहरादून। जनसाधारण के स्वास्थ्य की सुरक्षा और त्यौहारी सीजन में मिलावटखोरी पर नकेल कसने के लिए राज्य के खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ० पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किये गये हैं। खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि जिलों को अब साप्ताहिक सैम्पलिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही सप्ताह में हाई रिस्क निरीक्षण करने के साथ ही दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थों तेल मसाले आदि की “कोमोडिटी आधारित सैम्पलिंग“ करायी जा रही है।
खाद्य सुरक्षा आयुक्त के अनुसार राज्य की सीमाओं पर पुलिस डेयरी व आर०टी०ओ जैसे विभागों के साथ मिलकर संयुक्त निरीक्षण की प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार विभाग द्वारा सबसे अहम कदम खाद्य पदार्थों की सैम्पलिंग हेतु निर्धारित समय को लेकर उठाया गया है। विगत वर्षों में जहां खाद्य पदार्थों की सैम्पलिंग के बाद रिपोर्ट आने में लम्बा समय लग जाता था जिसे अब सुनिश्चित किया गया है, कि 14 दिनों के अन्दर सैंपल रिपोर्ट आवश्यक रूप से आ जाये। इसके लिये रुद्रपुर स्थित जांच प्रयोगशाला को विशेष रूप से निर्देश जारी किये गये है।
आयुक्त डॉ पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा विगत दिनों किये गये नमूना संग्रहण एवं निरीक्षण के बारे में भी बताया। अक्टूबर माह में खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने के लिये विशेष अभियान संचालित किया गया। डॉ पंकज कुमार पाण्डेय के अनुसार अभियान अवधि में सभी 13 जिलों में कुल 523 विभिन्न खाद्य सामग्री मुख्यतयाः दुग्ध उत्पाद, खाद्य तेल, बेसन, मसाले एवं मिठाईयों के नमूनें लेकर लैब में भेजे गये। इस अवधि में 275 हाई रिस्क प्रतिष्ठानों मिठाई एवं अन्य निर्माण इकाईयों को निरीक्षण किया गया तथा नियमों के उल्लंघन पर 47 खाद्य कारोबारियों के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में वाद दायर किये गये है। रूद्रपुर प्रयोगशाला में प्राप्त कुल 329 सैम्पलों के सापेक्ष अब तक 98 की जांच पूरी की जा चुकी है। जबकि 231 नमूनों की जांच प्रक्रिया में है। अब तक जांचोपरान्त 68 नमूनों की रिपोर्ट सही पायी गयी जबकि 30 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे।
खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा खाद्य सुरक्षा के अन्तर्गत भविष्य में की जाने वाली कार्यवाही के बारे में भी बताया कि उपयोग में आने वाले खाद्य वस्तुओं को लेकर एफ०डी०ए० द्वारा नवम्बर 2021 से मार्च 2022 तक विशेष सर्विलान्स अभियान चलाया जायेगा। खासतौर से खाद्य तेल, शहद, चाय, घी आदि के 100 सैम्पल प्रति माह लिये जायेंगे, इनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रेत्तर कार्ययोजना बनायी जायेगी।
इसके अलावा खाद्य कारोबारकर्ताओं में जागरूकता लाने के उद्देश्य से उन्हें प्रशिक्षण भी प्रदान किया जायेगा। विभाग द्वारा “ईट राईट मेले“ भी आयोजित किये जायेंगे। यह एक इन्फोटेन्मेन्ट मॉडल होगा जिसके जरिये आमजनमानस को सही खान-पान को लेकर इसका भागीदार बनाया जायेगा। इसी के क्रम में “दो ईट राईट मेले 03 दिसम्बर 2021 को देहरादून एवं 18 दिसम्बर 2021 को हरिद्वार में होगा। वहीं खाद्य सुरक्षा व हाइजीन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य में रेस्टोरेन्ट एवं होटलों हेतु खाद्य हाइजीन रेटिंग शुरू की गयी है। अब तक देहरादून व हरिद्वार के कुल 11 खाद्य कारोबारकर्ताओं को हाइजीन रेटिंग सर्टिफिकेट निर्गत किये जा चुके है।
आयुक्त डॉ पंकज कुमार पाण्डेय ने यह जानकारी दी कि केदारनाथ धाम को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली की ओर से जल्द “भोग योजना में सर्टिफिकेशन हासिल होने जा रहा है। इसके लिये केदारनाथ धाम से प्रसाद को “भोग योजना के तहत सर्टिफिकेशन प्रदान किया जाना है। इसके लिये राज्य स्तर पर प्रशिक्षण व ऑडिट के साथ ही भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली को प्रस्ताव बनाकर प्रेषित किया जा चुका है। उत्तराखण्ड के चारो धामों में केदारनाथ धाम पहला मन्दिर होगा जहां भोग योजना से यहाँ का प्रसाद सर्टिफाई होगा। केदारनाथ धाम के बाद राज्य के अन्य मन्दिरों में भी यह प्रक्रिया अपनाई जायेगी।

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