उत्तराखंडराजनीति

पौड़ी संसदीय सीट : कांग्रेस से गोदियाल का नाम फाइनल होने से भाजपा में हलचल, ब्राह्मण के बजाए क्षत्रिय नेता पर दांव खेलने की संभावनाएं बढ़ीं

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल को पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट से पार्टी का टिकट मिला है। गोदियाल की लोकप्रियता और सक्रियता को देखते हुए भाजपा इस सीट पर प्रत्याशी चयन में अपनी रणनीति में बदलाव ला सकती है। भाजपा जानती है कि गोदियाल किसी भी लिहाज से कमजोर कैंडिडेट नहीं हैं, उन्हें हराने के लिए क्षेत्रीय, सामाजिक और जातिगत समीकरण भी ध्यान में रखने होंगे। बहुत संभव है कि भाजपा अब पौड़ी सीट पर किसी क्षत्रिय नेता पर ही दांव खेले।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता भुवन चंद खण्डूड़ी के पुत्र मनीष खण्डूड़ी कांग्रेस से चुनाव लड़े थे। इस बार भी मनीष टिकट के प्रबल दावेदार थे लेकिन चुनाव से ऐनपूर्व कांग्रेस को झटका देकर उन्होंने अचानक भाजपा का दामन थाम लिया। अब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल को कांग्रेस पौड़ी से टिकट दिया है। उनके नाम की घोषणा हो चुकी है। गोदियाल लम्बे समय से क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनकी छवि साफ सुथरी और सुचितापूर्ण है। उन्हें सिद्धांत को आगे रखकर राजनीति करने वाला नेता माना जाता है। इन्हीं तमाम कारणों से गोदियाल को समाज के हर वर्ग और जाति के लोगों का समर्थन मिलता आया है। उनकी इन तमाम खूबियों और ताकत से भाजपा भलीभांति वाकिब है। भाजपा उनके सामने किसी भी मामले में कमजोर प्रत्याशी को मैदान में उतारने का रिस्क नहीं लेगी। खासतौर पर जातीय संतुलन और समीकरणों को परखकर ही कोई चेहरा फाइनल किया जाएगा।

इधर, भाजपा अब तक उत्तराखण्ड की पांच में से तीन सीटों के प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। नैनीताल से अजय भट्ट, अल्मोड़ा से अजय टम्टा और टिहरी से महारानी राज्य लक्ष्मी का टिकट फाइनल हुआ है। नैनीताल सीट से ब्राह्मण और अल्मोड़ा से अनुसूचित जाति के प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं। टिहरी सीट महिला प्रत्याशी के लिए यथावत रखी गई है। हरिद्वार सीट की बात करें तो मौजूदा समय में वहां का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद ब्राह्मण हैं। ऐसे में वहां ब्राह्मण प्रत्याशी का दावा स्वाभाविक है। जातीय संतुलन को आधार मानें तो पौड़ी सीट से किसी क्षत्रिय नेता का दावा ज्यादा मजबूत लगता है। इसी बीच कांग्रेस से गणेश गोदियाल का टिकट फाइनल होने से भाजपा क्षत्रिय नेता को टिकट देने पर विचार कर सकती है, ताकि क्षत्रिय मतदाताओं को खिसकने से रोका जा सके।

काबिलेगौर है कि पौड़ी सीट से वर्तमान सांसद क्षत्रिय हैं। पौड़ी से दावेदारों के पैनल में एक बड़े नेता भी शामिल हैं, जो ब्राह्मण समाज से आते हैं। ऐसे में हरिद्वार और पौड़ी, दोनों सीटों पर ब्राह्मण को प्रत्याशी बनाया जाता है तो नैनीताल को मिलाकर यह संख्या तीन हो जाएगी। यही नहीं, चर्चा है कि हरिद्वार से मैदानी मूल के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने की मांग भी जोरदार तरीके से उठी है। देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा जातीय संतुलन को आधार बनाकर हरिद्वार और पौड़ी के टिकट फाइनल करेगी या फिर प्रत्याशी चयन का आधार कुछ और होगा।

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