उत्तराखंड

ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में शीतकाल के लिए विराजमान हुए बाबा केदार भक्तों ने डोली का भव्य स्वागत किया

रुद्रप्रयाग। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई है। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल आगमन पर विद्वान आचार्यों ने वेद मंत्रों और भक्तों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। अब से भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत शुरू होगी।
मंगलवार को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में पंचाग पूजन के तहत भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली और विश्वनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर भक्तों ने पैदल मार्गों पर भव्य स्वागत किया।
दोपहर 12 बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची, तभी भक्तों के जयकारों और ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चारण से पूरा भू-भाग गुंजायमान हो उठा। पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर की एक परिक्रमा की और रावल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी शिवशंकर लिंग को छः माह केदारनाथ में विधि-विधान से पूजा करने पर शुभ आशीष दिया।
बदरी केदार मंदिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा इस बार ऐतिहासिक रही है। यात्रा मार्गों पर व्यापारियों को भरपूर रोजगार मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्मस्थली गुजरात है, लेकिन तपस्थली केदारनाथ है। केदारनाथ की यात्रा से लेकर धाम में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर पीएम मोदी की नजर है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की यात्रा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ-साथ शासन-प्रशासन और बदरी-केदार मंदिर समिति तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने में सफल रहे हैं।

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