उत्तराखंड

चार धाम यात्रा की तैयारियों में जुटा प्रशासन

देहरादून। चार धाम यात्रा के सुचारू संचालन और यात्रा को सरल तथा सुरक्षित बनाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं। पहले एक महीने तक वीआईपी प्रोटोकॉल पर पूर्णतया रोक रहेगी। किसी को भी वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत कोई विशेष सुविधा प्रदान नहीं की जाएगी तथा एक माह बाद समय और स्थितियों को देखकर आगे का फैसला लिया जाएगा।
यह बात आज गढ़वाल मंडल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जिस तरह का उत्साह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के पहले चारकृपांच दिनों में श्रद्धालुओं ने दिखाया है, उसके मद्देनजर एक माह तक वीआईपी प्रोटोकॉल पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने साफ किया कि यह वीआईपी मूवमेंट पर रोक नहीं है। अगर कोई वीआईपी सामान्य श्रद्धालुओं की तरह चार धाम यात्रा पर आना चाहता है तो वह आम आदमी की तरह दर्शन करने आ सकता है।
उन्होंने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा के दौरान किसी तरह की अव्यवस्था न फैले इसके लिए एक नया मेकैनिज्म तैयार किया गया है जिसके जरिए एक दिन में उतने ही श्रद्धालुओं की धाम जाने और दर्शन करने की व्यवस्था की जा रही है जितने लोग आसानी से दर्शन कर सकते हैं। उनका कहना था कि चार धाम यात्रा मार्गों पर हर 10 किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षा कर्मियों का एक सर्किट तैनात किया जाएगा जो 10 किमी के दायरे में पेश आने वाली किसी भी समस्या का समाधान करेगा। जो यात्रियों के लिए होल्डिंग पॉइंट बनाए गए हैं अधिक यात्री आने पर उन्हें इन होल्डिंग पॉइंटों पर रोका जाएगा जहां सभी यात्री सुविधाएं सुनिश्चित कराई जाएगी। जिससें किसी को कोई परेशानी न हो।
इस बार चारधाम यात्रा के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में अब तक हेमकुंड साहिब के लिए सर्वाधिक श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है तथा चारों धाम यात्रा के लिए भी व्यापक स्तर पर रजिस्ट्रेशन कराये जा रहे हैं। अगर इतने यात्री आते हैं तो जन सुविधाओं को और भी बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है स्थिति व काल के हिसाब से फैसले लेने और बदलाव की बात भी उन्होंने कही। उन्होंने कहा कि वह 5 अप्रैल को ऋषिकेश में सभी अधिकारियों व विभागों के बीच समन्वय के लिए एक बड़ी बैठक भी करने वाले हैं।

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