उत्तराखंड

डॉ प्रभाकर कश्यप और डॉ दिवाकर कश्यप के शास्त्रीय संगीत से आनंदित हुए विरासत में लोग

देहरादून: विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2022 के दूसरे दिन की शुरुआत ’विरासत साधना’ कार्यक्रम के साथ हुआ। विरासत साधना कार्यक्रम के अंतर्गत देहरादून के 19 स्कूलों ने प्रतिभाग किया जिसमें कुल 24 बच्चों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित प्रस्तुतियां दी। गायन में बच्चों ने भारत के लोकप्रिय राग पर अपनी प्रस्तुति दी, वही कुछ छात्र-छात्राओं ने भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी प्रस्तुत किया। वाद्य यंत्र पर तबला, हारमोनियम एवं सितार पर भी बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी। विरासत साधना में प्रतिभाग करने वाले स्कूलों में ओजस्विनी भट्ट (सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल) ने (राग देस) पर खूबसूरत प्रस्तुति दी उनके संगत में तबला और हारमोनियम पर योगेश और राघव ने मिलकर प्रस्तुतियों को और मनमोहक बना दिया।  इसके साथ जयांशी सुकला (कॉन्वेंट जीसस एंड मैरी) संगीत ( राग देस ) दृष्टि कनोजिया (बनयानट्री पब्लिक स्कूल) संगीत (राग भैरव) दीपक भारद्वाज (घुंघरू कथक संगीत महाविद्यालय) वाद्य यंत्र (तबला) शिवरंजनी करमाकर (फिलफोट पब्लिक स्कूल) वाद्य यंत्र (सितार) और ऐसे ही कई अन्य स्कूलों के बच्चो ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। विरासत साधना कार्यक्रम सुबह 10ः00 बजे से लेकर दोपहर 2ः30 बजे तक चला। प्रतिभाग करने बाले सभी बच्चों को विरासत की ओर से सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

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