उत्तराखंडराजनीति

आप महिला विंग ने जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

देहरादून। अंकिता भण्डारी हत्याकांड के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आम आदमी पार्टी महिला विंग ने जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। आप का कहना है कि अंकिता भण्डारी पर जिन मेहमानों को खुश करने के लिए रिसॉर्ट मालिक द्वारा दबाव बनाया जाता था जो कि अंकिता की हत्या का कारण बना, उन मेहमानों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। अंकिता भण्डारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट न लिखने के दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। आरोपी पुलकित आर्य के परिवार की पिछली अपराधिक गतिविधियों की छानबीन की जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि अंकिता भंडारी के पिता को अपनी बेटी के गायब होने की सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपनी बेटी की गुम होने की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए लगातार प्रयास किया। वह लगातार पांच दिनों तक पटवारी, पुलिस थानों के चक्कर काटते रहे लेकिन किसी ने उस व्यक्ति की सुनवाई नहीं की और उसकी प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इस घटना ने राज्य में राजस्व पुलिस प्रणाली के औचित्य पर भी सवाल खड़ा किया है कि क्या वर्तमान परिस्थितियों मे यह व्यवस्था अब अपराधों की रोकथाम और विवेचना के लिए कारगर है, इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। एसडीआरएफ की कड़ी मेहनत के कारण घटना के 6 दिन बाद अंकिता भण्डारी का शव बरामद हो सका। एसडीआरएफ ने और पुलिस की टीम ने अपना काम सही तरीके से किया, वह सब शाबाशी के पात्र हैं। लेकिन 5 दिन तक एफआईआर दर्ज न किया जाना, जबकि 19 सितंबर से मामला लगातार मीडिया में उछल रहा था, सोशल मीडिया में लगातार लोग इसका संज्ञान ले रहे थे, ऐसे में तहसील प्रशासन, जिला प्रशासन और सरकार ने मामले का संज्ञान नहीं लिया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा अब ’भाजपा से बेटी बचाओ’ बन गया है। रिपोर्ट दर्ज न करने के लिए जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले का एक और पहलू यह है कि पुलकित आर्य द्वारा अंकिता भंडारी को रिसोर्ट में आने वाली वीआईपी गेस्ट को खुश करने का दबाव बनाया जाता था। स्व० अंकिता भण्डारी ने रिसॉर्ट मालिक के अनैतिक प्रस्ताव का विरोध किया तो उसको अपनी जान गँवानी पड़ी,यह इस घटना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। इस घटना से पर्यटन के नाम पर देवभूमि उत्तराखंड में क्या क्या अनैतिक घट रहा है, अंकिता भण्डारी के बलिदान से ही इस बात का खुलासा हो सका है। अब इस बात का भी खुलासा करने की जरूरत है कि वह वीआईपी गेस्ट कौन थे जिन को खुश करने के लिए अंकित पर दबाव बनाया जाता था। उत्तराखंड मे अब तक शहरों से दूर बनाए गए आलीशान रिसॉर्ट की गहन छानबीन में अवैध पाए जाने वाले रिसॉर्ट जिन स्थानों पर जिन अधिकारियों के सेवाकाल में बनाए गए हैं, उन अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जाए।
ज्ञापन देने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष उमा सिसोदिया, रजिया बेग आप महिला विंग की प्रदेश संगठन मंत्री सीमा कश्यप, प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन, पूर्व जिलाध्यक्ष मोनिका जयसवाल, सुधा पटवाल,बबली ,उर्मिला ,सोनिया, कामिनी, कुंता ,सारिका, रंजना, सहित दर्जनों महिलाएं उपस्थित रहीं।

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