उत्तराखंड

उत्तराखंड की भूमि को अध्यात्म व शौर्य की धरती बताया

देहरादून। उत्तराखंड पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि अध्यात्म और शौर्य की धरती है। “कुमाऊं और गढ़वाल रेजीमेंट के नाम से ही यहां की वीरता की पहचान होती है।” उन्होंने कहा कि सेना में सेवा देने का जोश यहां के युवाओं में आज भी वैसा ही है। उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि विकास और जनकल्याण के कार्यों को पूरी निष्ठा से आगे बढ़ाएं। समाज के वंचित वर्गों और युवा पीढ़ी के कल्याण के लिए संवेदनशील होकर कार्य करें। राष्ट्रपति ने कहा कि विधायक जनता और शासन के बीच की सबसे अहम कड़ी हैं और यदि वे सेवा-भाव से जनता की समस्याओं के समाधान में जुटे रहेंगे तो जनता और जन-प्रतिनिधि के बीच विश्वास का बंधन अटूट रहेगा। अंत में राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य की अनुपम प्राकृतिक संपदा और सौंदर्य का संरक्षण करते हुए ही विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि “राष्ट्र सर्वाेपरि की भावना के साथ उत्तराखंड आने वाले वर्षों में स्वर्णिम विकास युग की ओर अग्रसर होगा।”

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