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यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी पांच टीमें, पुलिस दो जिलों में सर्च ऑपरेशन अभियान चला रही

देहरादून। यूकेएसएसएससी पेपर लीक का मामला सुर्खियों में है। मामले को लेकर जहां युवा सड़कों पर हैं तो वहीं पुलिस की ओर से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जांच की जा रही है। मामले की जांच के लिए 5 पुलिस टीमें लगाई गई है। हालांकि, इस मामले में प्रोफेसर समेत कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
दरअसल, यूकेएसएसएससी परीक्षा में पेपर लीक मामले पर गृह सचिव शैलेश बगौली और डीजीपी दीपम सेठ ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। डीजीपी दीपम सेठ का कहना है कि इस मामले की जांच पर पुलिस मुख्यालय की कड़ी निगरानी है। देहरादून, हरिद्वार और साइबर सेल की 5 अलग-अलग टीमें इस जांच में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि मामले की जांच के लिए 5 पुलिस टीमें लगाई गई हैं और पुलिस ने इस मामले में पर्याप्त सबूत बरामद किए हैं। जांच जल्द ही पूरी कर ली जाएगी और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पेपर लीक मामले में एसआईटी जांच के बाद एक प्रोफेसर, तीन अन्य समेत एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन और अभ्यर्थी खालिद की दो बहनें हिना और साबिया को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। हालांकि, बाद में हिना को रिहा कर दिया गया।
स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने अभ्यर्थी खालिद मलिक की बहन सबिया को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। जिसे अब एसआईटी की टीम कोर्ट में पेश करेगी। इसके अलावा उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार भी जांच के दायरे में है। जिनके खिलाफ रायपुर थाने में अनुचित साधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उधर, देहरादून की सड़कों पर अभी भी युवा डटे हुए हैं। जो पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं।

क्या था पेपर लीक मामला?
गौर हो कि बीती 21 सितंबर को उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी, लेकिन परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद प्रश्न पत्रों से जुड़े स्क्रीनशॉट्स सामने आ गए थे। जिस पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पेपर लीक होने का दावा कर आयोग और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने शुरू कर दिए। प्रश्न पत्रों से जुड़े स्क्रीनशॉट्स सामने आने पर आयोग में हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में इस संबंध में यूकेएसएसएससी ने देहरादून एसएसपी अजय सिंह को एक प्रार्थना पत्र दिया। जिस पर एसआईटी गठित की गई। उधर, एसएसपी और आयोग के अध्यक्ष ने प्रेसवार्ता कर कई अहम जानकारियां साझा किए।

यूकेएसएसएससी अध्यक्ष जीएस मर्ताेलिया बोले जैमर के बाद कैसे पेपर आया बाहर
यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस मर्ताेलिया ने भी अपने बयान में कहा है कि जैमर लगने के बावजूद परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र कैसे बाहर आए? ये हैरान करने वाला है। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि पेपर लीक नहीं हुआ, सिर्फ प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर आए। इसके बाद महिला प्रोफेसर के साथ पुलिस ने पीसी की। जिसमें महिला ने बताया कि उसे खालिद नाम के एक व्यक्ति ने प्रश्न पत्र भेजकर जवाब पूछे थे। जिस पर महिला ने जवाब भी दिए। महिला प्रोफेसर का ये भी कहना था कि उसने यह प्रश्न पत्र बॉबी पंवार को भी भेजे। साथ ही पुलिस में देने की बात कही, लेकिन बॉबी पंवार ने ऐसा करने से मना कर दिया।

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