उत्तराखंड

उत्तराखण्ड में फायर सीजन का पहला महीना रहा राहत भरा

देहरादून। उत्तराखंड के लिए फायर सीजन का पहला महीना राहत भरा रहा है। ना केवल इस दौरान मौसम ने राज्य का साथ दिया है। बल्कि वन विभाग की एडवांस तैयारी भी जंगलों को बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुई है। आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर बाकी राज्य वनाग्नि के मामले में उत्तराखंड से बेहद आगे हैं। जबकि पिछले सालों की तुलना में भी राज्य में इस दौरान काफी कम आग लगने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई है।
उत्तराखंड के लिए गर्मियों का सीजन वनाग्नि के लिहाज से बेहद संवेदनशील होता है। यहां जंगलों की आग न केवल प्रदेश स्तर पर बहस का मुद्दा बनती है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी खूब चर्चा होती हैं। इतना ही नहीं हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक भी इन घटनाओं को लेकर राज्य सरकार को पूर्व में दिशा निर्देश देते रहे हैं। जाहिर है कि वन और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा होने के कारण ये मुद्दा काफी तूल भी पकड़ लेता हैं, लेकिन इस साल उत्तराखंड के लिए अच्छी खबर यह है कि फायर सीजन का पहला महीना वनाग्नि की घटनाओं में कमी के चलते उत्तराखंड के लिए राहत भरा रहा है। वनाग्नि को लेकर फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया सेटेलाइट के माध्यम से मिलने वाले अलर्ट विभिन्न राज्यों को भेजता है। अलर्ट भेजने का यह सिलसिला नवंबर महीने से शुरू होता है। इसी के आधार पर राष्ट्रीय स्तर के रिकॉर्ड को तुलनात्मक रूप से देखा जा सकता है। यहां एक नवंबर 2024 से 20 मार्च 2025 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं। जो यह जाहिर करते हैं कि उत्तराखंड बाकी राज्यों के मुकाबले जंगलों की आग के मामले में इस साल राहत की सांस ले सकता है।

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