उत्तराखंड

केरल मेडिक्स के आयुर्वेद ऐप की डब्ल्यूएसी आरोग्य एक्सपो में धूम

देहरादून। केरल के युवा चिकित्सकों के एक समूह द्वारा विकसित एक व्यापक क्लिनिकल आयुर्वेद ऐप ने परेड ग्राउंड में आयोजित 10वें विश्व आरोग्य कांग्रेस यानी डब्ल्यूएसी के आरोग्य एक्सपो में व्यापक रूप से लोगों का ध्यान खींचा है। ‘भिशक‘ ऐप में रोगों, दवाओं, प्रयोगशाला जांचों, प्रक्रियाओं, प्रेस्क्रिप्शनों तथा पैटेंटों का विस्तृत विवरण शामिल है। केरल के पालाक्कड जिले के शोरनुर के डा. संदीप, डा. राकेश और डा. उथम शाह द्वारा डेवेलप्ड यह ऐप आयुर्वेदिक चिकित्सकों, शिक्षकों एवं छात्रों के लिए भी एक प्रमाणिक संदर्भ प्लेटफार्म है।
डा. शाह ने कहा कि 10 विभागों के तहत उनकी एटियोलाजी, क्लिनिकल फीचरों, डायग्नोसिस और आयुर्वेदिक उपचार के अतिरिक्त ऐप में 300 से भी अधिक रोगों के विवरण प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनग्रेडिएंट, इंडीकेशन, अनुपना, खुराक, संदर्भों तथा क्लिनिकल उपयोगिता पर विशेषज्ञ के सुझाव पर सूचना के साथ ऐप में 550 से अधिक आयुर्वेदिक दवाएं शामिल की गई हैं। यह स्थिति – अनुकूल दवाओं के साथ सभी पंचकर्मा और केरल की विशेष प्रक्रियाओं पर सबसे बडा डाटाबेस है।
इस ऐप को कोविड-19 के दौरान लांच किया गया था और यह रोगों के उपचार, 60 से अधिक स्वेद योगा, नेत्र क्रियाकर्म, स्नेहना, स्वेदाना, वमन तथा विरेचना पर विस्तार से जानकारी प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं को उनका अपना प्रेस्क्रिप्शन तैयार करने तथा आनलाइन और आफलाइन परामर्श बढ़ाने की सुविधा भी प्रदान करता है। ऐप में विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान देने के लिए बड़ी संख्या में प्रोप्राइटरी आयुर्वेदिक फौर्मुलेशन शामिल किए गए हैं। ‘डिजिटल स्वास्थ्य, एक आयुर्वेदिक दृष्टिकोण ‘ की अपनी केंद्रीय थीम के साथ 12 से 15 दिसंबर तक आयोजित होने वाला यह सम्मेलन नई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर विस्तार से चर्चा करने के लिए मंच उपलब्ध कराएगा ताकि अधिक प्रभावी तरीके से समाधान सुलभ कराया जा सके और आयुर्वेद से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का नए सिरे से खाका प्रस्तुत किया सके। आयुर्वेदिक चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, प्रशासकों, राजनयिकों, शिक्षकों तथा छात्रों का यह विज्ञान भारती द्वारा आयोजित सबसे बडा वैश्विक द्विवार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। इसकी पहल विज्ञान भारती, उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा की गई है। भारत के भीतर 5500 से अधिक प्रतिभागी इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं जिसमें 54 देशों के 350 प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

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