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उत्तराखंड में मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी

देहरादून। उत्तराखंड में मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है। साथ ही प्रभावित राज्यों या दूसरे देशों के आने वाले लोगों पर नजर रखने की सलाह दी है साथ ही डेंगू को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है।
उत्तराखंड सूबे में मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। प्रदेश की स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएमओ को निगरानी और एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी तक प्रदेश में मंकी पॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तारा आर्य ने कहा कि मंकी पॉक्स एक वायरल संक्रमण है। जो एक रोगी से दूसरे में फैलता है। अफ्रीका व अन्य देशों की यात्रा करने वाले लोगों की निगरानी की जाए। मरीज में संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल जांच कर उसको आइसोलेट किया जाए।
एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था, एक दुर्लभ बीमारी है जो वायरस के कारण होने वाली चेचक जैसी ही है। यह ज़्यादातर अफ़्रीका के इलाकों में पाई जाती है, लेकिन दुनिया के दूसरे इलाकों में भी देखी गई है। यह बुखार और ठंड लगने जैसे फ्लू जैसे लक्षण पैदा करती है, और एक दाने जिसे ठीक होने में कई हफ़्ते लग सकते हैं। एमपॉक्स के लिए कोई सिद्ध उपचार नहीं है, लेकिन यह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है।

मंकी पॉक्स क्या है?
एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) एक दुर्लभ बीमारी है जो वायरस के कारण होती है । इससे चकत्ते और फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। चेचक का कारण बनने वाले बेहतर ज्ञात वायरस की तरह, यह ऑर्थाेपॉक्सवायरस जीनस का सदस्य है । एमपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से फैलता है। आप इसे किसी संक्रमित जानवर से भी प्राप्त कर सकते हैं। एमपॉक्स वायरस के दो ज्ञात प्रकार हैं – एक जो मध्य अफ्रीका (क्लैड प्) में उत्पन्न हुआ और दूसरा जो पश्चिमी अफ्रीका (क्लैड प्प्) में उत्पन्न हुआ। वर्तमान विश्व प्रकोप (2022 से 2023) क्लेड प्प्इ के कारण होता है, जो कम गंभीर पश्चिमी अफ्रीकी क्लेड का एक उपप्रकार है।

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