उत्तराखंड

मंत्री सतपाल महाराज ने किया विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण

रूड़की। सतपाल महाराज मंत्री लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, जलागम प्रबन्धन एवं भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनायें ने शुक्रवार को ब्लॉक नारसन में कुल 01 करोड़ 82 लाख 78 हजार रूपये की लागत से लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य योजना के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र मंगलौर के ग्राम टान्डा भनेडा में आन्तरिक मार्गों का सी०सी० इन्टरलॉकिंग टाईल्स पी०सी० द्वारा निर्माण, विधान सभा क्षेत्र मंगलौर के ग्राम लिब्बरहेडी-भरतपुर में देवभूमि पब्लिक स्कूल के समीप नहर की ओर बाईपास तक मार्गों का सी०सी० इन्टरलॉकिंग टाईल्स द्वारा निर्माण एवं मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में विकास खण्ड खानपुर के ग्राम लालचन्द वाला में राजकीय नलकूप के निर्माण का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री ने विकासात्मक कार्यों का लोकार्पण करने के पश्चात ‘‘सरकार जनता के द्वार‘‘ ‘‘हमारा संकल्प अनुशासित प्रदेश‘‘ एवं ‘‘भयमुक्त समाज‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उल्लेख करते हुये बताया कि उनके मार्गदर्शन में हम विकल्प रहित संकल्प के साथ उत्तराखंड को उत्कृष्ट प्रदेश बनाने की ओर अग्रसर हैं तथा विकास के मामले में सरकार द्वारा एक नई मिसाल पेश की है। सतपाल महाराज ने महापुरूषों का उल्लेख करते हुये कहा कि हमारी सरकार विशिष्टजनों द्वारा दिये गये योगदान को हमेशा याद रखती है। उसी के तहत हमने मंगलौर-देबबद मार्ग का नाम चैधरी चरण सिंह के नाम करना, मंगलौर-झबरेड़ा-सहारनपुर मोटर मार्ग का नाम राजा विजय सिंह, आसफनगर-इकबालपुर मोटर मार्ग का नाम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, पुहाना झबरेड़ा-गुरुकुल नारसन मोटर मार्ग का नाम डॉ भीम राव अम्बेडकर के नाम रखने के साथ ही आजादनगर-पनियाल मार्ग का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम से रखा गया है। कार्यक्रम के द्वौरान बताते हुए बताया कि सरकार द्वारा जन-कल्याण के लिये उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुये कहा कि महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 फीसद क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने का कानून लागू किया, राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि जबरन धर्मांतरण कानून को और अधिक सख्त बनाना, जिसके अन्तर्गत 10 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता के लिये हमारी सरकार ने नकल विरोधी कानून बनाया और इसमें भी 10 साल तक की सजा और संपत्ति जब्त करने का कठोर प्रावधान किया गया। समान नागरिक सहिंता के लिये विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जो कि राज्य के लिये यूनिफार्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने में जुटी है।

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